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रेल बजट-2015-16

Railway Budget 2015-2016


            रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 26 फरवरी को रेल बजट 2015-16 लोकसभा में पेश किया। उन्होंने बजट पेश करने से पहले रेलवे पर श्वेत पत्र जारी किया। रेल यात्री किराये में कोई वृद्धि नहीं की गई है। रेलवे में निवेश को बढाने, रेलवे में साफ-सफाई और यात्री सुविधाओं के विस्तार, यात्री एवं माल परिवहन क्षमता में विस्तार के साथ 11 क्षेत्रों में मिशन के रूप में काम करने पर जोर दिया गया है। जिन 11 क्षेत्रों में सुधार के लिए विशेष ध्यान देने की घोषणा की है, उनमें स्वच्छता, बिस्तर, हेल्पलाइन, टिकट, खानपान, प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक उपयोग करना, निगरानी, मनोरंजन, गाड़ी क्षमता में वृद्धि, आरामदायक यात्रा शामिल हैं।

            बजट में स्टेशनों के पुनर्विकास, नेटवर्क के विस्तार, सुरक्षा एवं संरक्षा, प्रबंध प्रक्रिया एवं प्रणालियों में सुधार, रेलवे की वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी), वैश्विक एवं निजी संगठनों के साथ सहयोग की पहल की बात कही गई है। मानव सांसाधन विकास, ऊर्जा संरक्षण पर भी ध्यान दिया गया है।  

            कोयला, सीमेंट, पेट्रोलियम उत्पाद, लौह एवं इस्पात जैसे उत्पादों के माल ढुलाई की दरों में वर्गीकरण के जरिये कुछ संशोधन का प्रस्ताव किया गया है। उत्पादों के परिवहन की दूरी एवं उत्पादों के हिसाब से ऐसा वर्गीकरण किया गया है जिससे कुछ उत्पादों का मालभाड़ा 2 से 10 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। 

प्रमुख बिंदु
·       2015-16 में 1,00,011 करोड़ रुपये की योजना का रेल बजट; 52 प्रतिशत की वृद्धि। यह 2014-15 में 65,798 करोड़ रुपये था।
·       केन्‍द्र सरकार से कुल योजना बजट का 41.6 प्रतिशत और आंतरिक सृजन 17.8 प्रतिशत की सहायता मिली है।
·       यात्री किराए से होने वाली आय में 16.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और बजट में 50,175 करोड़ की आमदनी का लक्ष्य रखा गया है।
·       माल ढुलाई से होने वाली आमदनी को 1,21,423 करोड़ रु. रखने का प्रस्ताव है जिसमें किराया दर को युक्तिसंगत बनाना, मदों का वर्गीकरण करना और दूरी का स्लैब निर्धारित करना शामिल है।
·       पूर्ण रेलवे संभाव्यता का उपयोग करते हुए माल यातायात को 85 मिलियन टन के अब तक के सर्वाधिक वर्तमान यातायात पर निर्धारित किया गया है।
·       अगले पांच वर्षों में साढ़े आठ लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य। इसके लिए पीपीपी मॉडल अपनाया जाएगा तथा राज्यों के साथ मिलकर काम किया जाएगा।
·       किसी नई ट्रेन की घोषणा नहीं, समीक्षा के बाद नई ट्रेनें चलाने की घोषणा की जाएगी।
·       रेलवे की माल ढुलाई क्षमता बढ़ाने के लिए ट्रांसपोर्ट लॉजिस्टिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया नाम से नई कंपनी बनाने की घोषणा।
·       96,182 करोड़ रुपये के खर्च से 9400 किलोमीटर रेल मार्गों के दोहरीकरण, तिहरीकरण और चौहरीकरण की 77 नई योजनाएं। 
·       कोयला, लोहा और सीमेंट जैसे थोक माल की ढुलाई के लिए रेलवे की सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से भागीदारी करने का प्रस्ताव। 
·       विज्ञापन के जरिए राजस्व जुटाया जाएगा। रेलवे के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए विशेष प्रयोजन कंपनियां (एसपीजी) गठित करने का प्रस्ताव। 
·       उच्‍चतम गुणवत्‍ता वाली सेवा के लिए विदेशी रेल प्रौद्योगिकी सहयोग योजना शुरू करने का प्रस्‍ताव।
·       कायाकल्प के नाम से भारतीय रेल की तकनीक का आधुनिकीकरण किया जाएगा।
·       चलती गाड़ियों में बर्थ की अद्यतन उपलब्धता के लिए स्टेशन नेविगेशन प्रणाली शुरू की जाएगी। 
·       रेलवे भूमि का अतिक्रमण रोकने के लिए भूमि रिकॉर्डों का अंकीय मापन किया जाएगा।
·       रेलवे नियुक्तियों में पारदर्शिता लाने के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रणाली की शुरूआत।
·       रेलवे विश्वविद्यालय खोले जाएँगे। 
·       IIT-BHU में मदन मोहन मालवीय के नाम से रेल तकनीक पर शोध केंद्र बनाया जाएगा; चुनिंदा विश्वविद्यालयों में ऐसे 4 केंद्र खोले जाएंगे।
·       रेलवे स्टेशनों पर सुविधा बढ़ाने के लिए निजी कंपनियों से साझीदारी।
·       मानवरहित रेलवे फाटकों पर ऑडियो-विजुअल चेतावनी की व्यवस्था पर काम किया जाएगा।
·       रेलवे में स्वच्छता बनाए रखने के लिए एक अलग स्वच्छता विभाग बनाया जाएगा।
·       कचरे से बिजली पैदा करने वाले संयंत्र लगाने की योजना।
·       कागज रहित टिकट प्रणाली का विकास किया जाएगा।
·       पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए गांधी सर्किट को बढ़ावा देने का प्रस्ताव।
·       पर्यटन को बढ़ाने के लिए Incredible Rail for Incredible India अभियान चलाया जाएगा।
·       दूरदराज के क्षेत्रों में संपर्क बढ़ाने (लास्ट माइल कनेक्टिविटी) के लिए निजी क्षेत्रों से भागीदारी की जाएगी।
·       राजस्व की भागीदारी मॉडल के आधार पर ट्रैवल एजेंसियों को प्रमुक स्थलों को जोड़ने वाली चुनिंदा गाड़ियों में कुछ सवारी डिब्बे देने की संभावना तलाशने का प्रस्ताव। 
·       इंजन के शोर की आवाज को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाने का प्रयास किया जाएगा।
·       डिब्बों में आग रोकने के लिए ट्रेन सुरक्षा चेतावनी प्रणाली लगाई जाएगी। 
·       ट्रेन को टक्कर से बचाने के लिए सुरक्षा प्रणाली का विकास किया जाएगा।
·       असम की बराक घाटी को इस साल ब्रॉड गेज रेल लाइन से जोड़ा जाएगा।
·       200 नए आदर्श स्टेशन बनाए जाएंगे।
·       चल टिकट परीक्षकों को हैंड हेल्ड टर्मिनल उपलब्ध कराए जाएंगे जिनका उपयोग यात्रियों का सत्यापन और चार्टों को डाउनलोड करने के लिए किया जा सकेगा। इस प्रणाली से कागज की बचत होने के अलावा रिफंड के दावों को तेजी से निपटाने में सहायता मिलेगी।


यात्रियों के लिए सुविधाएं
·       टिकटों का अग्रिम आरक्षण 120 दिन पहले हो सकेगा, पहले यह 60 दिन था।
·       यात्रियों की शिकायतें दर्ज करने के लिए नया हेल्पलाइन नंबर 138
·       यात्रियों की सुरक्षा के लिए नया हेल्पलाइन नंबर 182
·       यात्री डिब्बे में बायो-टॉयलेट और डिस्पोजेबल कूड़ेदान लगाए जाएंगे।
·       108 गाडि़यों में ई-कैटरिंग सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिसके तहत यात्री खाने की ऑनलाइन बुकिंग करा सकेंगे।
·       चुनिंदा गाड़ियों और लोकल ट्रेनों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे का प्रावधान। 
·       निशक्तजनों के लिए ऑनलाइन व्हील चेयर भी बुक कराने की सुविधा दी जाएगी।
·       नेत्रहीन यात्रियों के लिए भविष्य में बनने वाले सवारी डिब्बों में ब्रेल लिपि की सुविधा होगी।
·       ऑपरेशन 5 मिनट नाम से एक नया मिशन शुरू किया जाएगा, जिसमें अनारक्षित टिकट के लिए 5 मिनट से अधिक समय नहीं लगेगा।
·       देश के 400 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। ‘ए1’ और ‘ए’ श्रेणी के स्टेशनों के बाद अब ‘बी’ श्रेणी के स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधा प्रदान की जाएगी। 
·       यूज ऐंड थ्रो श्रेणी के बिस्तर सभी स्टेशनों पर भुगतान पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
·       सेना के जवानों को टिकट के लिए वॉरंट दिखाने की जरूरत नहीं होगी। इस रक्षा यात्रा प्रणाली का विस्तार किया जाएगा।

            बजट प्रस्‍तावों में आगामी पांच वर्षों में भारतीय रेलवे के कायाकल्‍प के लिए चार लक्ष्‍य निर्धारित किए गए हैं—
1. ग्राहकों के अनुभव में स्‍थायी और मापन योग्‍य सुधार लाना,
2. रेलवे को यात्रा का सुरक्षित साधन बनाना,
3. भारतीय रेलों की क्षमता में पर्याप्‍त विस्‍तार करना और
4. उसकी अवसंरचना को आधुनिक बनाना।
            इन लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए बजट में पांच कारकों का सुझाव दिया गया है, जिनमें श्‍वेत पत्र, विजन-2030 दस्‍तावेज और पंचवर्षीय कार्ययोजना सहित मध्‍यावधि योजनाअपनाने का प्रस्‍ताव शामिल है।

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Many articles on this site is taken from other educational sites. For orginial Article Please Visit @ Drishti-The Vision

PREM SINGH
A Student of Indian Civil Services Examination.
Website: Become an IAS
Mobile: +919540694927
     

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