हाल ही में
पोलर वोरटेक्स (Polar Vortex) तब चर्चा में आया जब इसके चलते
अमेरिका के कई राज्यों में भीषण बर्फबारी के पश्चात् सामान्य तापमान के अत्यधिक
नीचे चले जाने की घटना हुई। इस परिप्रेक्ष्य में पोलर वोरटेक्स जैसी भौगोलिक अथवा
पर्यावरणीय घटना को समझना आवश्यक है।
पोलर वोरटेक्स सामान्यतया उत्तरी ध्रुव के आस-पास ऊपरी सतह वाली मजबूत वायु का प्रवाह (Circulation of Strong upper level winds) है जो घड़ी की सुइयों की विपरीत दिशा (Counter clockwise Direction) में बहती है। इसे ध्रुवीय निम्न दाब प्रणाली (Polar Low-pressure System) के रूप में जाना जाता है। ये हवाएँ उत्तरी हेमीस्फीयर के आर्कटिक क्षेत्रों में अवरुद्ध खतरनाक शीत वायु (Bitter Cold Air) लेती रहती है। कुछ अवसरों पर यह वोरटेक्स बिगड़ जाता है अथवा इसमें असंतुलन हो जाता है और दक्षिण से काफी दूर जाते हुए दक्षिणी भाग की तरफ शीत वायु को बहने की स्थितियाँ पैदा करता है।
उल्लेखनीय है कि उच्च सतह वाली वायु (Upper-level Winds) जो पोलर वोरटेक्स को बनाता है, की सघनता (Intensity) में समय-समय पर परिवर्तन आता है। जब उन हवाओं में महत्त्वपूर्ण रूप में कमी आती है तो यह वोरटेक्स के बिगड़ने (Distorted) की स्थितियाँ बनाता है जिसके परिणामस्वरूप एक जेट स्ट्रीम दक्षिणी अक्षांश (Southern Latitude) की तरफ तीव्र गति से शीत, सघन आर्कटिक हवाओं को अपने साथ बहाकर (Spilling Down) ले जाती है। इस ऑसिलेशन (Oscillation) को आर्कटिक ऑसिलेशन कहते हैं और यह प्रति वर्ष एक सकारात्मक चरण से नकारात्मक चरण की तरफ जा सकती है। यह ऑसिलेशन-जिसे नकारात्मक चरण के रूप में जाना जाता है जहाँ ध्रुवीय हवाएँ कमजोर होती हैं, तो यह पृथ्वी के एक या अधिक क्षेत्रों में प्रमुख शीत वायु प्रकोप (Major Cold air out breaks) की स्थितियाँ बनाने की तरफ सक्रिय हो जाती हैं। प्रमुख रूप से शीत वायु प्रकोप की घटना पोलर वोरटेक्स के चलते उत्तरी हेमीस्फीयर- उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया में घटित होती है। यह कई स्थानों पर कोल्ड स्नैप्स की तरफ ले जा सकता है, पर ऐसा सदैव होना आवश्यक नहीं है।
पोलर वोरटेक्स जनित शीत वायु प्रकोप एक अकेले चक्रवात टारनेडो व हरिकेन की तुलना में अधिक व्यापक व ज्यादा समय तक रहने वाला होता है। पोलर वोरटेक्स की स्थिति में तापमान में व्यापक रूप में फैली बूंदों के चलते बर्फीले तूफान (Winter Storms) को विकसित हुआ देखा जा सकता है। मार्च, 2013 में पोलर वोरटेक्स के चलते यूरोप के कई भागों में तापमान में अत्यधिक गिरावट आयी थी। कई स्थानों पर तो क्रिसमस छुट्टियों की तुलना में ईस्टर छुट्टियाँ अधिक ठंड भरी रहीं। उदाहरण के लिए यूनाइटेड किंगडम में पिछले 50 वर्षों का सर्वाधिक ठंडा मार्च (Coldest March) देखा गया।
इस प्रकार पोलर वोरटेक्स अत्यधिक बर्फबारी उपस्थित करने की स्थितियाँ उत्पन्न करता है जिससे सामान्य जनजीवन व्यस्त हो जाता है।
पोलर वोरटेक्स सामान्यतया उत्तरी ध्रुव के आस-पास ऊपरी सतह वाली मजबूत वायु का प्रवाह (Circulation of Strong upper level winds) है जो घड़ी की सुइयों की विपरीत दिशा (Counter clockwise Direction) में बहती है। इसे ध्रुवीय निम्न दाब प्रणाली (Polar Low-pressure System) के रूप में जाना जाता है। ये हवाएँ उत्तरी हेमीस्फीयर के आर्कटिक क्षेत्रों में अवरुद्ध खतरनाक शीत वायु (Bitter Cold Air) लेती रहती है। कुछ अवसरों पर यह वोरटेक्स बिगड़ जाता है अथवा इसमें असंतुलन हो जाता है और दक्षिण से काफी दूर जाते हुए दक्षिणी भाग की तरफ शीत वायु को बहने की स्थितियाँ पैदा करता है।
उल्लेखनीय है कि उच्च सतह वाली वायु (Upper-level Winds) जो पोलर वोरटेक्स को बनाता है, की सघनता (Intensity) में समय-समय पर परिवर्तन आता है। जब उन हवाओं में महत्त्वपूर्ण रूप में कमी आती है तो यह वोरटेक्स के बिगड़ने (Distorted) की स्थितियाँ बनाता है जिसके परिणामस्वरूप एक जेट स्ट्रीम दक्षिणी अक्षांश (Southern Latitude) की तरफ तीव्र गति से शीत, सघन आर्कटिक हवाओं को अपने साथ बहाकर (Spilling Down) ले जाती है। इस ऑसिलेशन (Oscillation) को आर्कटिक ऑसिलेशन कहते हैं और यह प्रति वर्ष एक सकारात्मक चरण से नकारात्मक चरण की तरफ जा सकती है। यह ऑसिलेशन-जिसे नकारात्मक चरण के रूप में जाना जाता है जहाँ ध्रुवीय हवाएँ कमजोर होती हैं, तो यह पृथ्वी के एक या अधिक क्षेत्रों में प्रमुख शीत वायु प्रकोप (Major Cold air out breaks) की स्थितियाँ बनाने की तरफ सक्रिय हो जाती हैं। प्रमुख रूप से शीत वायु प्रकोप की घटना पोलर वोरटेक्स के चलते उत्तरी हेमीस्फीयर- उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया में घटित होती है। यह कई स्थानों पर कोल्ड स्नैप्स की तरफ ले जा सकता है, पर ऐसा सदैव होना आवश्यक नहीं है।
पोलर वोरटेक्स जनित शीत वायु प्रकोप एक अकेले चक्रवात टारनेडो व हरिकेन की तुलना में अधिक व्यापक व ज्यादा समय तक रहने वाला होता है। पोलर वोरटेक्स की स्थिति में तापमान में व्यापक रूप में फैली बूंदों के चलते बर्फीले तूफान (Winter Storms) को विकसित हुआ देखा जा सकता है। मार्च, 2013 में पोलर वोरटेक्स के चलते यूरोप के कई भागों में तापमान में अत्यधिक गिरावट आयी थी। कई स्थानों पर तो क्रिसमस छुट्टियों की तुलना में ईस्टर छुट्टियाँ अधिक ठंड भरी रहीं। उदाहरण के लिए यूनाइटेड किंगडम में पिछले 50 वर्षों का सर्वाधिक ठंडा मार्च (Coldest March) देखा गया।
इस प्रकार पोलर वोरटेक्स अत्यधिक बर्फबारी उपस्थित करने की स्थितियाँ उत्पन्न करता है जिससे सामान्य जनजीवन व्यस्त हो जाता है।
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